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apps February 15, 2024

 

suvichar | Moral kahani | Motivational story | Kahani in hindi


        शाम का समय था जब मैं अपने कमरे में लेटा

था घर में मेरे और चाची के अलावा कोई भी
नहीं था सब लोग शादी में गए हुए थे चाची

ने मुझे बुलाया और कहा पिंटू खाना खा लो

आकर मैंने कहा चाची आप खाओ मैं अभी थोड़ी

देर बाद खा लूंगा क्योंकि मैं अपने फोन

में वह सब देख रहा था वह देखने के बाद

मेरे मन में थोड़ी हलचल होने लगी और मैं

अपने सामान को इधर-उधर करने लगा लेकिन उसी

समय चाची आ गई और यह सब देखकर हैरान हो गई

थोड़ी देर तो उन्होंने कुछ नहीं कहा फिर

कहा अरे पिंटू यह सब क्या कर रहे हो मुझे

नहीं पता था कि चाची मेरे कमरे में आ गई

हैं मैं एकदम से वह देखने में मगन था

लेकिन जैसे ही मैंने चाची की आवाज सुनी तो

बहुत ज्यादा डर गया और सोचने लगा कि चाची

घर में किसी से बता ना दें मैंने चाची से

कहा चाची घर में आप किसी को भी मत बताना

आप तो जानती ही हो कि मैं आज तक यह सब खेल

नहीं खेला हूं इसलिए मेरा भी मन वह सब

करने का होने लगता

है चाची बोली लेकिन

पिंटू मुझसे एक बार बताते तो मैं तुम्हारा

साथ देती मैं कहने में थोड़ा डर रहा था कि

चाची आप मेरा साथ दे दो फिर चाची बोली चलो

पिंटू पहले खाना खा लो उसके बाद हम और

चाची दोनों लोग खाना खाए और चाची बर्तन

धुलने लगी उस समय मैं अपने कमरे में आ गया

और फिर से वही सब अपने फोन में देखने लगा

और पता ही नहीं चला कि मैं कब सो गया सुबह

थोड़ा देर से नींद खुली और देखा कि मेरा

फोन नीचे गिरा पड़ा है मैं उठा और फ्रेश

होने के बाद देखा कि मेरी चाची खाना बना

रही है मैंने चाची से कहा चाची घर वाले आज

आ जाएंगे ना वो बोली नहीं पिंटू आज नहीं

आएंगे मैंने कहा चाची एक बात कहूं वह बोली

हां पिंटू बोलो क्या बात है मैंने कहा

चाची मेरा मन क्रिकेट खेलने का बहुत हो

रहा है आप मेरी मदद करोगे चाची मेरी सब

कुछ समझ चुकी थी लेकिन उन्होंने कहा लेकिन

मैं तो तुम्हारी चाची हूं मैंने कहा तो

क्या हुआ चाची हम दोनों वह सब कर सकते हैं

और मैंने उनका हाथ पकड़ लिया बाहर से किसी

की आवाज सुनाई दिया मैंने जाकर देखा तो

पड़ोस की आंटी थोड़ा सामान लेने आई थी

उनके जाने के बाद मैंने दरवाजा बंद किया

और चाची को देखने लगा कुछ देर बाद चाची ने

पूछा क्या कह रहे थे पिंटू तुम मैंने कहा

चाची मेरा भी मन बहुत हो रहा है वह सब

करने का का चाची बोली चलो ठीक है मैं

तुम्हारा साथ दूंगी क्योंकि तुम्हारे चाचा

को एक साल हो गए हैं वह पैसे कमाने में ही
   लगे हैं इसलिए अब मेरा भी मन क्रिकेट

     खेलने का हो रहा है मैं उस समय बहुत    खुश

हुआ लेकिन मैंने चाची से कहा चाची कोई आ

गया तो चाची बोली अरे पिंटू कोई नहीं आएगा
फिर बोली लेकिन तुम्हें क्रिकेट में काफी

देर तक रुकना होगा क्योंकि तुम्हारे चाचा

भी बहुत देर तक रुकते थे और बहुत अच्छा

खेलते हैं लेकिन उनके यहां पर ना होने पर

मैं कब तक बर्दाश्त करूं मैं बोला चाची

मैं भी बहुत अच्छा खेलूंगा और काफी देर तक

रुकूंगा भी उसके बाद मैं और चाची क्रिकेट

खेलने के लिए तैयार हो जाते हैं चाची

बड़े-बड़े बॉल देखकर मैं बहुत ही खुश होता

हूं और उनके साथ खेलने लगता हूं उसके बाद

आगे का कार्यक्रम करते हैं चाची बोली

पिंटू तुम तो सच में बहुत अच्छा खेलते हो

तुम्हारे साथ तो बिल्कुल तुम्हारे चाचा

जैसा अच्छा लग रहा है थोड़ा और तेज तेज

खेलो मैंने कहा ठीक है चाची उसके बाद मैं

भी तेज तेज खेलने लगता हूं और इस खेल में

बहुत ही ज्यादा मजा आता

है मैं तो पहली बार इस खेल को खेल रहा था

इसलिए मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत

की सैर कर रहा हूं चाची को भी बहुत अच्छा

लग रहा था और वह थोड़ी-थोड़ी आवाज भी

निकाल रही थी जिसे सुनकर और ज्यादा खेलने

का मन कर रहा था इस खेल को मैं क से कम एक

घंटे तक खेलता हूं और दोनों ही एक दूसरे

का बहुत अच्छे से साथ दे रहे थे जब मैं

सही से नहीं खेलता तो चाची मेरा साथ देती

और दोनों को बहुत ही खुशी मिलती यह खेल

खत्म करने के बाद मैंने कहा चाची आपके साथ

क्रिकेट खेलने में तो बहुत ही ज्यादा मजा

आया चाची बोली मुझे भी तुम्हारे साथ बहुत

अच्छा लगा और मैं चाहती हूं कि जब तक

तुम्हारे चाचा नहीं आते तब तक तुम ही मेरा

साथ दो मैं यह सुनकर बहुत खुश हुआ और कहा

सच में चाची वह बोली हां पिंटू क्योंकि

तुम में यह योग्यता है मैंने कहा ठीक है

चाची उस दिन के बाद हम दोनों एक दूसरे का

बराबर साथ देने लगे और हर हफ्ते एक बार

जरूर

खेलते घर वालों के सामने मेरी चाची

बिल्कुल भी मतलब नहीं रखती लेकिन जैसे ही

मौका मिलता तो चाची मुझे साथ देने के लिए

कहती और साथ में क्रिकेट खेलते मैं मन ही

मन बहुत खुश होता हूं और आज भी वैसा ही

होता है क्योंकि चाचा बहुत दिनों बाद आते

हैं और केवल तीन या चार दिन ही रुकते हैं

उसके बाद कम से कम एक या दो साल तक घर

नहीं आते हैं और मैं और चाची क्रिकेट

खेलते रहते हैं और बहुत खुश होते हैं एक

दिन चाची के माइके से फोन आया कि चाची के

भाई की शादी है इसलिए कुछ दिन पहले ही

जाना है यह बात चाची ने बताया और कहा कि

शादी में तुम भी आ जाना मेरी मम्मी और

पापा जाएंगे और मैं नहीं जा पाऊंगा

क्योंकि

मेरे दोस्त के भाई की शादी है मेरी चाची

अभी भी अपने माइके में है और जब वह आ

जाएंगी तो फिर से हम लोग क्रिकेट खेलेंगे

और बहुत ही खुशी खुशी रहेंगे हेलो दोस्तों

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